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ये सवाल और ऐसे कई और सवाल युवा लोगों के मन में आते हैं लेकिन सेक्स के मुद्दों को लेकर आज भी भारत में अधिकतर लोग अक्सर शर्म और दबाव में रहते हैं। इस शर्म की वजह से लोग अपनी सेक्स और रिश्तों सम्बन्धी सवालों और परेशानियों के बारे में बात करने से झिझक महसूस करते हैं, और किसी से मदद भी नहीं मांग पाते।
लवमैटर्स वेबसाइट की शुरुआत हुई इन्हीं मुद्दों को लेकर– कि किस तरह से प्यार, सेक्स और रिश्तों के बारे में जानकारी सुरक्षित, संतोषजनक और निरपेक्ष तरीके से लोगों तक पहुचाई जाये। लवमैटर्स के ज़रिए लोग बेहिचक सेक्स से जुड़े अपने सवालों के जवाब एवं जानकारी, वो भी हिंदी और अंग्रेजी भाषा में, इन्टरनेट और मोबाइल फ़ोन पर भी पा सकते हैं। यह जानकारी पूरी तरह से गोपनीय और फ्री दी जाती है। लवमैटर्स के ज़रिये पहली बार भारत में हिंदी में किसी वेबसाइट पर सेक्स से जुड़ी जानकारी, तथ्य, समाचार और विभिन्न लोगों के विचार प्रस्तुत किये गए। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि लवमैटर्स के ज़रिये पहली बार ‘शारीरिक आनंद’ से जुड़ी जानकारी हिंदी में उपलब्ध कराई गयी।
हम सभी जानते हैं कि पोर्न इसीलिए इतना प्रचलित है क्योंकि लोग सेक्स के ‘आनंद’ के बारे में जानना चाहते हैं। जहाँ पोर्न आनंद प्राप्त करने का एक ज़रिया हो सकता है, यह ध्यान में रखना ज़रूरी है कि पोर्न को जानकारी के साधन के रूप में नहीं देखा जा सकता है। एक और परेशानी यह है कि पोर्न अधिकतम सिर्फ़ पुरुषों के ‘सेक्स आनंद’ को ज़्यादा दर्शाता है – वो भी अक्सर महिलाओं के साथ अनुचित व्यहवार के साथ। और साथ ही, सुरक्षित सेक्स को भी अक्सर पोर्न में अनदेखा कर दिया जाता है, जिससे काफ़ी गंभीर स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। और यह भी सच है कि भारत में अधिकतर प्रचलित सेक्स और प्रजनन-प्रणाली सम्बन्धी चल रहे प्रोग्राम केवल सेक्स सम्बन्धी बिमारियों पर ही ज़्यादा दबाव देते हैं। सेक्स के ‘आनंद’ की बात अक्सर इन प्रोग्रामों में नहीं की जाती, जबकि यह सेक्स करने के सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक है।
जी हाँ, सेक्स के ‘आनंद’ के मुद्दे को यौन शिक्षा के अंतर्गत विवादात्मक तरीके से देखा जाता है, लेकिन इस को नज़रअंदाज़ कर देना लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने के अवसर को खो देने जैसा है। तो यौन शिक्षा के मुद्दे पर काम करने वाली संस्थाओं के सामने आई इन्हीं अड़चनों को ध्यान में रखकर लवमैटर्स का निर्माण हुआ। ये एक ऐसा माध्यम है जिससे भारत में युवा लोगों तक वो जानकारी पहुंचाई जाती है जो उन्हें सही और सूचित सेक्स सम्बन्धी निर्णय लेने में मदद करे।
अगर लोग आश्वासक तरीके से और खुलकर सेक्स के बारे में बात कर पाएंगे, तो वो खुद अपनी कामुक पसंद, नापसंद और सीमाओं को भी समझ पाएंगे और दूसरों को भी समझा पाएंगे। अगर हम एक स्वस्थ्य भविष्य की ओर काम करना चाहते हैं तो ज़रूरी हैं युवा लोगों से बातचीत करने की। ये और भी ज़रूरी है भारत जैसे देश के लिए जहाँ युवा लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा है।
सेक्स एक बहुत ही ख़ूबसूरत एहसास है जिसको जांचना, बांटना और आनंद उठाना चाहिए। क्या आपको नहीं लगता कि अगर हम युवा लोगों को सही और साकारात्मक जानकारी देंगे, सेक्स के बारे में, तो वो शायद ज़्यादा सुरक्षित और स्वस्थ्य सेक्स जीवन का आनंद उठा पाएंगे?