अनामिका झा
‘सूरजमुखी अंधेरे के’ – एक यौन शोषण से गुज़री महिला की यौनिकता की खोज
कृष्णा सोबती अपने उपन्यासों में महिला–यौनिकता की बात बेझिझक उठाती हैं। सन् 1972 ई. में प्रकाशित ‘सूरजमुखी अंधेरे के’ उपन्यास…
By अनामिका झा
February 18, 2025
तीन कविताएं – “आज़ाद कर दो मुझे”, “पीके”, और “हमें नहीं बनना महान”
हमें नहीं बनना महान
हमें इंसान ही रहने दो।
By अनामिका झा
October 17, 2024