A digital magazine on sexuality, based in the Global South: We are working towards cultivating safe, inclusive, and self-affirming spaces in which all individuals can express themselves without fear, judgement or shame
कम उम्र में विवाह और बाल विवाह एक बेहद विखंडित और असमान समाज का लक्षण है। जब भी यह पूछा गया कि लोग अपने बच्चों की कम उम्र में शादी क्यों करते हैं तो “दहेज़”, “गरीबी” और “यौन हिंसा का डर” आदि कारण सबसे ज़्यादा सुनाई दिए।
आज के महाराष्ट्र में महिलाओं की स्थिति और उन्नीसवीं सदी की महिलाओं की स्थिति में बहुत अंतर है और इस अंतर के लिए, आज के महाराष्ट्र के लिए, और महिलाओं की आज की बेहतर स्थिति के लिए सावित्रीबाई फुले जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं का योगदान अतुलनीय है। सावित्रीबाई फुले के जन्मदिवस (३ जनवरी) के अवसर पर उनके योगदान को याद करते हुए लेखक ने उन्नीसवीं सदी के महाराष्ट्र और उसकी महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डाला है।
पंजाब में रहने वाला गुनराज बचपन से ही प्यारा सा शर्मीला बच्चा था। अक्सर उसे लगता था कि इस दुनिया में वह ही एक मात्र ऐसा लड़का होगा जिसे लगता है कि वह एक लड़की है। जितना भी उसे उसके परिवार वाले या उसके दोस्त लड़के के रूप में देखते थे, उतना ही उसे लगता था कि वह लोग गलत हैं, क्योंकि वह तो एक लड़की है।