Reva Puri
शर्म से भरी – ‘अदृश्य’ होने का मेरा संघर्ष
वक़्त के साथ मैं समझने लगी कि सिर्फ़ शोषण नहीं, उससे उभरने की प्रक्रिया के साथ मेरा रिश्ता भी मेरा ‘औरत’ होना तय करता है। सदियों से ‘भारतीय नारी’ को हाशिए पर रखा गया है और उसे स्नेह और स्वीकृति सिर्फ़ तब तक दी जाती है जब तक वो अपनी ‘औक़ात’ के बाहर न निकले।
By Reva Puri
June 16, 2023
Haunted by Shame: The Struggle of Being Rendered Invisible
Where did my body go? This is a question I have asked myself repeatedly over the last two years. My…
By Reva Puri
September 1, 2021