Supriya Subramani
खेल के मैदान में क्या मैं “मर्द” हूँ?
पारंपरिक जेन्डर भूमिकाओं ने हमेशा ही खेलों के स्वरूप को प्रभावित किया है। यह सच है कि एक ऐसी जगह में, जो विशेष रूप से पुरुषों के लिए ही बनी थी, धीरे धीरे महिलाओं के लिए स्वीकार्यता आई है, लेकिन इस स्वीकार्यता ने औरतों को स्वतंत्र रूप से ख़ुद को स्थापित करने के लिए बहुत कम जगह दी है।
By Supriya Subramani
April 21, 2023
Am I ‘The Man’ On The Court?
I find that sports spaces demand that all athletes, irrespective of their gender, ‘play like men’. I was recently coaching…
By Supriya Subramani
September 1, 2014