A digital magazine on sexuality, based in the Global South: We are working towards cultivating safe, inclusive, and self-affirming spaces in which all individuals can express themselves without fear, judgement or shame
कैथ के किरदार और उसके जीवन को दिखाया जाना वास्तव में उन अनगिनत फैनगर्ल्स के प्रति अन्याय ही कहा जाएगा जो एक फैन के रूप में अपनी पहचान को अपने वास्तविक सामाजिक और यौनिक जीवन व रुझानों पर कभी भी हावी नहीं होने देती।
यौनिकता पर संलाप या डिस्कोर्स नया नहीं है। समाज में हर प्रकार के विशेषज्ञों ने इस पर चर्चा की है। विज्ञान से लेकर अध्यात्म तक यौनिकता के प्रसंग विशेषज्ञों को रिझाते रहे हैं।
कई लोगों को नहीं लगता था कि पैरालिंपिक्स वास्तव में एक खेल आयोजन है। लेकिन इन गेम्स ने दिखा दिया कि कैसे विकलांगता के साथ खेलने वाले ऐथलीट्स असाधारण लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं, भले ही उनके आसपास के लोगों को लगता हो कि वे नहीं कर सकते।
शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करने के नारीवादी प्रयासों में वर्ग के आधार पर विभाजन को समझने के लिए हमें पहले यह जानना होगा कि किस तरह शहरों में सार्वजनिक स्थान लगातार कम हो रहे हैं और इनके लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है।
वक़्त के साथ मैं समझने लगी कि सिर्फ़ शोषण नहीं, उससे उभरने की प्रक्रिया के साथ मेरा रिश्ता भी मेरा ‘औरत’ होना तय करता है। सदियों से ‘भारतीय नारी’ को हाशिए पर रखा गया है और उसे स्नेह और स्वीकृति सिर्फ़ तब तक दी जाती है जब तक वो अपनी ‘औक़ात’ के बाहर न निकले।
इस तरह से नाचना न केवल सार्वजनिक स्थानों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करने का तरीका हो सकता है बल्कि यह अपने निजी शरीर में आनंद पाने का उपाए भी है – एक ऐसा आनंद जिसे आजतक केवल काम करते रहने में ही आनंदित होने तक सिमित कर दिया गया था।
पहनावा किसी भी व्यक्ति की छवि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। समाज में किसी भी व्यक्ति की पहचान उनके पहनावे से भी की जा सकती है। कपड़े एक मनुष्य की पहचान का सबसे स्पष्ट हिस्सा होते है। कपड़े शरीर का घूंघट होते हैं। वे शील और यौनिक मुखरता के, अस्वीकृति के और अभिराम के, जश्न के खेल के नियमों को समाहित करते हैं। वे आइना होते हैं समाज के पदानुक्रम का, यौनिक विभाजन का और नैतिक सीमाओं का।