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व्यक्तिगत रूप से मुझे, एक युवा अविवाहित लड़की से अब प्रगतिशील और सकारात्मक प्रभाव और संतोषजनक सम्बन्ध रख चुकी उम्रदराज़ विवाहित महिला बनने के इस सफर से अपने निजी जीवन में अपनी प्राथमिकताएँ निर्धारित करने में बहुत मदद मिली है।
मर्दानगी के निर्माण में शर्मिंदगी की भूमिका, और नायक के खुद के विकास के लिए आत्मविश्वास और क्षमता पर इसका प्रभाव, विशेष रूप से उनके प्रारंभिक वर्षों में, खूबसूरती से सामने लाया गया है।
इनोसेंते नामक 40 वर्षीय नेत्रहीन पुरुष ने ज़ाम्बिया में ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ संगठन के अनुसंधानकर्ता को बताया, ‘“लोग कहते हैं…
सेक्शुअलिटी को हिंदी में यौनिकता शब्द से संबोधित करते हैं, ये शब्द भी अपने आप में बहुत कुछ कहता है।…
मैं भली भांति जानती हूँ कि यात्राएं करने से आपका जीवन ‘बदल’ जाने और ‘सबको करनी चाहिए’ के विचारों के बारे में अनेक कथाएँ और कहानियाँ प्रचलन में हैं। मैं यह भी जानती हूँ कि यात्रा कर पाना एक विशेष तरह की सुविधा, एक विशेषाधिकार है और हर कोई जीवन में यात्राएं नहीं कर पाता।
आज वैश्विक और स्थानीय रूप से हम जहाँ भी हैं, मैं दिल से आपको धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आपने मुझे हमेशा ही मजबूत और निर्भीक रहना सिखाया है।
मैं एक लेखिका हूँ । बीडीएसएम (BDSM) के बारे में लिखती हूँ । एक दशक से ज़्यादा हो गया मुझे …
कम उम्र में विवाह और बाल विवाह एक बेहद विखंडित और असमान समाज का लक्षण है। जब भी यह पूछा गया कि लोग अपने बच्चों की कम उम्र में शादी क्यों करते हैं तो “दहेज़”, “गरीबी” और “यौन हिंसा का डर” आदि कारण सबसे ज़्यादा सुनाई दिए।
जुलाई १, २०१६ . ओशिन सिआओ भट्ट सभी समाजों में, माहवारी से जुड़ी वर्जना न केवल इस पर चर्चा करने…
वह एक ऐसे परिवार में बड़ी हुई थीं जहाँ बनने संवरनें की सराहना की जाती थी, इसलिए कपड़ों के प्रति उनकी चाहत को कभी भी विलासिता की तरह नहीं देखा गया। उनकी माँ की शख्शियत की एक विशिष्ट पहचान, उनकी बड़ी सी बिंदी और सूती साड़ी हमेशा अपनी जगह पर रहती थी, चाहे दिन का कोई भी समय हो, चाहे वो खाना बना रहीं हों, धूप या बारिश में बाहर गई हों, सो रहीं हों या बस अभी ही जागी हों, हंस रहीं हों, या रो रहीं हों। उनकी और उनकी बहन के लिए, उनकी माँ की फैशन को लेकर एक ही सलाह थी, “हमेशा ऐसे तैयार होकर रहो जैसे आप बाहर जा रहे हों, भले ही आप सारा दिन घर पर ही हों।” अपनी माँ की सलाह के बावजूद, वह घर पर ‘गुदड़ी के लाल’ की तरह और बाहर जाते वक़्त ‘सिंडरेला’ की तर्ज़ पर चलने वाली बनी।
गुमशुदा घरों से जुडी कहानियाँ आज दुनिया के कोने-कोने में मिलती हैं, लेकिन फिर भी देखा गया है कि लोग…
5 जून, 2016 स्मृति धींगरा वे गर्मियों के दिन थे जब दिल्ली यूनिवर्सिटी का लगभग हर छात्र इंटर्नशिप करने के…
प्रेम के लिए कोई ‘नियम पुस्तक’ तैयार नहीं हो पालगाने ई है और इन भावों को जानने और समझने के लिए बहुत सोच विचार और दिमागी ज़ोर की ज़रूरत होती है।
प्रमदा मेनन एक क्विअर नारीवादी एक्टिविस्ट हैं जो हर उस विषय पर विवेचना करती हैं जिसे वे जटिल मानती हैं।…
रुपसा मल्लिक द्वारा लिखित सोमिंदर कुमार द्वारा अनुवादित पिछले दो दशकों से प्रजनन प्रौद्योगिकी (रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी आरटी)[1] का उपयोग आम…