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किसी व्यस्क व्यक्ति द्वारा अपनी इच्छा से पैसों के भुगतान के बदले दी जाने वाली यौन सेवाओं को सेक्स वर्क…
सम्पादकीय नोट : इस लेख का पहला भाग अप्रैल के पहले संस्करण में प्रकाशित हुआ था सेक्स वर्कर के अधिकारों…
सम्पादकीय नोट : इस लेख का पहला भाग अप्रैल के पहले संस्करण में प्रकाशित हुआ था सेक्स वर्कर के अधिकारों…
हम कैसी भाषा का प्रयोग करते हैं, अपने ख़्याल कैसे बयां करते हैं, यहां तक कि बात करते दौरान कैसी आवाज़ का इस्तेमाल करते हैं ये सब हमारी सामाजिक परवरिश पर निर्भर करता है।
अभी एक दिन, एक पुराना दोस्त और मैं व्हाट्सएप पर बात कर रहे थे। उन्होंने हाल ही में एक लड़की,…
कुमाम डेविडसन एक स्वतंत्र पत्रकार, ऐक्टिविस्ट और शिक्षक हैं। वे पूर्वोत्तर भारत में क्विअर विषयों पर डिजिटल और प्रिंट सामग्री…
आख़िर यह कहने का क्या फ़ायदा कि मेरा शरीर मेरा है जब असल में हमारा मतलब यह है कि मेरा शरीर आंशिक रूप से मेरा है और बाकी शरीर मेरे माँ-बाप, जिम, मैं जिन लोगों को चाहती हूँ और वे मुझे नहीं चाहते उनका, मीडिया, समाज और अनगिनत अनजान लोगों का है, जिन्हें लगता है कि वे मुझे राय दे सकते हैं और बता सकते हैं कि मुझे कैसा दिखना चाहिए।
हमें ख़ुद को यह याद दिलाना ज़रूरी है कि हराम और आएब को पितृसत्ता की वैश्विक प्रकोप से बढ़ावा मिलता है। वे एक ऐसी क़ैदी संस्था, बाध्यकारी बुनियादी ढाँचे और प्रतिबंधक प्रणाली का हिस्सा हैं जो अपनी प्रजा की स्वतंत्र पहचान और खुली अभिव्यक्ति को नियंत्रण मैं रखते हुए अपनी व्यापकता को बनाए रखता है।
विभिन्न स्थानों पर लड़कियों की उपस्थिति, उनका अनेक मुद्दों पर चर्चा करना, दोस्तों के साथ मसलों पर बातचीत करना और किसी भी कारण के लिए एकत्रित होना स्वयं ही समाज में मानदंड को चुनौती देता है और उनकी सुरक्षा, गतिशीलता और यौनिकता को बढ़ावा देता है।
किशोरों में यौनिकता विषय पर चर्चा करना आरंभ करने पर कानून, आयु, मान्यताएँ व स्वास्थ्य जैसे अनेक ऐसे मुद्दे भी…
किशोरों के जीवन में यौनिकता और रोमांस के अनुभवों में अक्सर उनके और उनके परिवार के लोगों के बीच मोलभाव…
यह लेख तारशी के #TalkSexuality अभियान का हिस्सा है गुमनाम लेखक द्वारा प्रस्तुत मैं एक दोस्त के ज़रिए इस लड़के…
प्यार की अभिव्यक्ति कई रूपों में की जा सकती है और इसी तरह यौनिकता और इसे व्यक्त करने के भी कई तरीके होते हैं। हम सच्चाई को अधिक करीब से देख सकते हैं अगर हम इन सभी तरीकों को समझे और समग्र रूप से जाने।
जो वर्जित है उससे मन ही मन सोचकर ख़ुशी पाने के अलावा, यौन कल्पनाएँ हमें सुरक्षित रूप से खोज करने का और बिना किसी प्रतिबद्धता के, बिना किसी परिणाम की चिंता के, विभिन्न तरीकों से रहने और उनका आनंद लेने का मौका देती हैं। यह कुछ-कुछ ऐसा है जैसे हम बिना खाना बनाने की झंझट के, या बर्तन साफ़ करने या अपच और वज़न बढ़ने की चिंता के भी अपने मन की चीज़ खाने का मज़ा ले सकते है।
अब मैं बार–बार पीछे मुड़कर देखने और अंजान आदमियों के भय से डरी रहने से भी थक चुकी हूँ। मेरे मन में हमेशा यह डर बना रहता है कि मेरी शारीरिक सीमायों का कोई उल्लंघन न कर दे और साथ ही मैं अब लोगों को अपने से दूर रखते रहने की कोशिश करते हुए भी थक चुकी हूँ।