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वापस फिर एक बार, पोस्टर पर लिखी गयी घोषणा पर लौटते हुए – पहली बार ‘कानूनन’ सेक्स कर पाने के अपने अनुभव को ज़ाहिर करने की इस घोषणा में एक बहुत ही शक्तिशाली सांकेतिक संदेश निहित है जो हमें सेक्स में ज़्यादा चरम आनंद लेने में भले ही मदद न करे लेकिन मुक्ति के चिन्ह हमेशा धनी लोगों द्वारा किए जा रहे दिखावे की तरह नहीं होते, उनमें एक प्रभावी संदेश निहित होता है।
आख़िर डिजिटल माहौलों पर अपना हक़ जताना… मटरगश्ती ही तो है, ख़ासकर अगर वे माहौल वासना, रोमांस, सेक्स, और आनंद पर केंद्रित हों।
अंत में, मुझे तो फिल्में विषयों और परिस्थितियों को एक अन्य अंदाज़ से देखने का अवसर देती हैं। मैंने फिल्मों को देखकर शरीर और इसकी इच्छाओं के बारे में बहुत कुछ जाना है – मैंने समझा है कि दर्द जो कुछ लोगों के लिए दर्द होता है, वही दूसरों के लिए आनंद के स्रोत बन सकता है। मैंने यह भी जाना है कि पैसे का लेन–देन करके किया जाने वाला सेक्स हमेशा अपराध नहीं होता और यह कि सभी लोग आनंद का अनुभव करते हैं और कर सकते हैं।
विविधता शब्द सुनते ही बरबस मेरा ध्यान तीन बातों की ओर खिंच जाता है – साम्राज्यवाद, राष्ट्रीय एकता से जुड़े…
राधिका चंदिरामनी एक नैदानिक मनोवैज्ञानिक (क्लीनिकल सायकोलॉजिस्ट), लेखक और संपादक हैं। उन्होंने 1996 में नई दिल्ली में तारशी (Talking about…
रत्नाबोली रे – रत्नाबोली मानसिक स्वास्थ्य विषय पर काम करने वाली ऐक्टिविस्ट, एक प्रशिक्षित मनोविज्ञानी, और अंजलि मानसिक स्वास्थ्य अधिकार…
शिखा आलेय जैस्मिन जॉर्ज TEDx स्पीकर हैं, अधिवक्ता हैं और भारत में यौन एवं प्रजनन अधिकारों की पैरोकार हैं। ये…
मंजुला प्रदीप एक वकील हैं और नवसरजन ट्रस्ट की कार्यकारी निदेशक रह चुकी हैं। नवसरजन ट्रस्ट जमीनी स्तर पर दलितों…
देवदत्त पटनायक आधुनिक समय में, प्रबंधन, प्रशासन प्रक्रिया और नेतृत्व जैसे क्षेत्रों में पौराणिक विचारों की प्रासंगिकता के विषय पर लिखते हैं। डाक्टरी की पढ़ाई और प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्होने 15 वर्ष तक स्वास्थ्य देखभाल उद्योग और दवा निर्माता कंपनियों के साथ काम किया।
अधिकतर अभिभावकों, शिक्षकों और देखरेख करने वालों को बच्चों के साथ यौनिकता के विषय पर बात करने और यौनिकता शिक्षा देने में शर्म आती है। क्या इसे दूर करने के लिए व्यंग का उपयोग किया जा सकता है?
डांस मूवमेंट थेरेपी वर्कशाप के उन तीन दिनों में मुझे पता चला कि मेरे मन, मस्तिष्क और शरीर के बीच जैसे कोई सामंजस्य था ही नहीं, और कैसे आमतौर पर पारंपरिक मौखिक कार्यशालाओं में शरीर और मन के बीच के इस संबंध को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है।
नेटफ्लिक्स ब्राउज़ करते हुए अनायास ही मेरी निगाह में एक फिल्म आई, वॉट विल पीपल से ? मैं एक ऐसे…
दीपा रंगनाथन द्वारा मैं एक २६ वर्षीय महिला हूँ। क्या इसमें कुछ भी अद्भुत है? शायद नहीं। पर २६ वर्ष…
मेरा लिपस्टिक और लिपस्टिक के रंगों के साथ हमेशा से एक यौनिक रिश्ता रहा है। लिपस्टिक से मेरी पहचान निशानों और धब्बों के रूप में ही हुई थी।
समय के साथ-साथ अब मैं जान चुकी हूँ कि उनके इस उलाहने में ‘घर’ का मतलब सिर्फ वो जगह नहीं है जहां मेरे माता-पिता रहते हैं, बल्कि इसका मतलब उन सभी व्यवहारों और मान्यताओं से है जिनकी अक्सर माता-पिता अपने बच्चों से उम्मीद करते हैं।