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सुरक्षित सेक्स पर लिखी और बताई जाने वाली बातें अक्सर मेडिकल या चिकित्सीय शब्दावली में लिखी गयी होती हैं –…
गाने अक्सर फिल्मों से अधिक लोकप्रिय होते है और अपने अलग ही मतलब का निर्माण करते हैं। इनका मतलब उनता ही विविध है जितना इनको सुनने वाले लोग। मैं यह बिल्कुल नहीं मानता कि हम जो फिल्म और चित्र देखते है उसका हमारे जीवन पर सीधा असर पड़ता है। हिंसक या अन्यथा मूर्खतापूर्ण कार्यों के लिए दोषी वह ही हैं जो यह कार्य करते हैं और वे जो उन्हें बेहतर शिक्षा दे सकते थे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। शिक्षा और बातचीत से हम युवाओं को सही समझ और बेहतर निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाते हैं।
This post was originally published here. हम अंदाज़ा लगा ही सकते हैं कि जब दलितों का आज भी इतना शोषण…
जाति और यौनिकता के बीच सामाजिक तौर पर स्वीकृत प्रथाओं के माध्यम से निभाए जाने वाले संबंध हमेशा से ही…
‘आप मटरगश्ती (लॉयटर) क्यों करना चाहेंगे?’ नारीवादी शोधकर्ता, अभिभावक, शिक्षक और सक्रियतावादी डॉ॰ शिल्पा फडके से पूछने के लिए एक बढ़िया सवाल है।
“इन युवा महिलाओं नें तो हमारे विचारों को और आगे तक पहुंचाया है, और महिलाओं द्वारा सार्वजनिक स्थानों तक पहुँच पाने के नए आंदोलन खड़े किए हैं। इसमें उनका देर रात तक बाहर रहना, महिला हॉस्टल में लगाई जा रही समय की पाबंदियों को ठुकराना, और महिला शौचालयों और सार्वजनिक यातायात तक अधिक सुलभता पाने की मांग करना शामिल है।”
ऐसी जगहों की बहुत कमी है जहां विकलांगता के साथ जी रहे लोग अपने यौनिक अनुभवों या यौनिक जिज्ञासा के बारे में खुलकर बात कर सकें। खास तौर पर विकलांगता के साथ जी रहे युवाओं पर हर वक़्त निगरानी रहती है जिसका मतलब है कि वे यौन अनुभवों से वंचित रह जाते हैं और अपनी यौनिकता को समझ नहीं पाते।
ये लेख किसी रिपोर्ट या रिसर्च पर आधारित नहीं है, लेकिन सच ये है, कि हम जानते भी तो बहुत…
कैथ के किरदार और उसके जीवन को दिखाया जाना वास्तव में उन अनगिनत फैनगर्ल्स के प्रति अन्याय ही कहा जाएगा जो एक फैन के रूप में अपनी पहचान को अपने वास्तविक सामाजिक और यौनिक जीवन व रुझानों पर कभी भी हावी नहीं होने देती।
यौनिकता पर संलाप या डिस्कोर्स नया नहीं है। समाज में हर प्रकार के विशेषज्ञों ने इस पर चर्चा की है। विज्ञान से लेकर अध्यात्म तक यौनिकता के प्रसंग विशेषज्ञों को रिझाते रहे हैं।
कई लोगों को नहीं लगता था कि पैरालिंपिक्स वास्तव में एक खेल आयोजन है। लेकिन इन गेम्स ने दिखा दिया कि कैसे विकलांगता के साथ खेलने वाले ऐथलीट्स असाधारण लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं, भले ही उनके आसपास के लोगों को लगता हो कि वे नहीं कर सकते।
शुभांगी कश्यप एक ऐसे समाज में जहाँ किसी व्यक्ति द्वारा अपनी यौनिकता की खुली अभिव्यक्ति कर पाना प्रतिबंधित हो और…
मैं उत्तरी दिल्ली के एक कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में एक छोटे तंग से ऑफिस में हूँ। यहाँ बाहर किसी भी कंपनी…