A digital magazine on sexuality, based in the Global South: We are working towards cultivating safe, inclusive, and self-affirming spaces in which all individuals can express themselves without fear, judgement or shame
For intersex people, privacy or the ‘freedom from unauthorised intrusion’ is constantly violated in which many a times knowledge about their bodies and the interventions carried out on their bodies are not made known to them.
ऑनलाइन डेटिंग पहली मुलाक़ात में किसी को अपने घर बुला लेने जैसा लग सकता है, लेकिन फ़र्क़ ये है कि हम फ़ैसला कर सकते हैं कि हम उन्हें अपने घर और अपनी निजी ज़िंदगी के कौन-से हिस्सों में जगह देने के लिए तैयार हैं।
सामाजिक तौर पर अनेक उपेक्षित समूहों के लोगों को अपनी यौनिकता सिद्ध करने में अलग-अलग कठिनाईओं, क्षोभ, और दुख का सामना करना पड़ता है, लेकिन मेरे लिए तो यौनिकता के बारे में चर्चा कर पाना एक बौद्धिक कार्यकलाप के तौर पर सामने आया, एक ऐसा विषय जिस पर आसानी से रचनात्म्क चर्चा करना संभव था। सामाजिक विशेषाधिकार कुछ ऐसे ही काम करते हैं।
एक तो यह समझ नहीं आता की आखिर इसे मेनोपॉज़ क्यों कहते हैं? पॉज़ का मतलब तो यह होता है कि किसी चीज़ का कुछ समय के लिए रुकना और आप के चाहने पर दोबारा शुरू हो जाना। मेरे विचार से तो इसे मेनोस्टॉप कहा जाना चाहिए!
हमारा मानसिक स्वास्थ्य सिर्फ़ हमारी इकलौती ज़िम्मेदारी नहीं है बल्कि उन संस्थाओं और व्यवस्थाओं की भी ज़िम्मेदारी है जिनका हम हिस्सा हैं। इसलिए हमारी सेहत और ख़ुशहाली बनाए रखने के लिए इनका योगदान ज़रूरी है।
शायद ये मेरा ख़ुद को यह समझाने और भरोसा दिलाने का प्रयास था कि हो न हो, मैं क़्वीयर लोगों के इस समाज का अभिन्न अंग हूँ और अगर मैंने परेड में लगने वाले सभी नारे याद कर लिए, उनकी बोलचाल के शब्द रट लिए, तो अगले साल की परेड मेरे लिए बहुत अलग होगी और मैं इसमें बढ़-चढ़ कर भाग ले पाऊँगी।
अधिकतर लड़कियों के लिए गोल प्रोग्राम वह पहला साधन बनता है जहाँ वे अपने जीवन, घरों में और आसपास हो रहे अपने जेंडर की भूमिका, भविष्य के बारे में सवाल, स्वाधीनता और उसकी चुनौती को समझ सकें।
एक समय ऐसा था जब मैं भी लड़कियों के लिए बनाई जाने वाली हर चीज़ से सिर्फ इसलिए दूर भागती थी क्योंकि मुझे लगता था कि नारीवादी दिखने के लिए एक खास तरीके से दिखना और व्यवहार करना आवश्यक है।
मां बनने के बाद से आत्म-देखभाल पर मेरे नज़रिये में बहुत बदलाव आया है। एक अभिभावक की भूमिका निभाते हुए और उसकी चुनौतियों का सामना करते हुए अपना ख़्याल कैसे रखा जा सकता है?
I believe that queer friendships and intimacies are sheer resistance, which not only swallow the despair and pain that might be perpetrated on gender-nonconforming people by their families, but also recognise all the lies about love that have been sold to us.
There is someone in my life who had a terrible childhood, has had several liaisons and whose father married twice. He says that he hated his father. How would his father react to his son’s liaisons if he were alive? If I love a cyborg or a person of the same gender, how will my father react?