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एक ख़त मेरे नाम जब मैं १६ की थी

A piece of paper signifying a letter

प्रिय एल्सा, 

प्यार! 

1990, यह एक नए दशक की शुरुआत है, और लोग अभी से ही सन् 2000 में दुनिया के अंत के आने की तैयारी कर रहे हैं! इस अराजकता और अनिश्चितता के बीच, तुम भी काफ़ी भ्रमित महसूस कर रही हो – तुमने अभी-अभी कॉलेज शुरू किया है, तुम्हारा एक बॉयफ्रेंड है जिसे तुन्हारे माता-पिता स्वीकार नहीं करते हैं और जैसा कि लोग तुम्हे बताते रहते हैं, तुम्हारे सामने एक उज्ज्वल भविष्य है। फिर भी तुम चिंतित हो कि कहीं तुम लोगों की इन अपेक्षाओं पर खरी ना उतरी तो क्या होगा – विशेष रूप से अपने माता-पिता और अन्य चाहने वालों की।

तुम्हारे आज के स्वः या अवतार के रूप में, मैं तुमको बताना चाहती हूँ कि तुम अच्छा करोगी और सब कुछ ठीक होने वाला है। अभी बहुत चिंता मत करो।

देखो, अभी तुम्हें सभी दिशाओं में धकेला और खींचा जा रहा है क्योंकि तुम्हारे आस-पास के लोग, चाहे वे परिवार वाले हों, या दोस्त या समाज, सभी तुमसे यह उम्मीद करते हैं कि तुम एक विशेष रूप से व्यवहार करो और मौजूदा मानदंडों का पालन करो। हालांकि, तुम्हारी आंतरिक आवाज़ तुम्हें इन मानदंडों को चुनौती देने और अपने स्वयं के पथ का अनुसरण करने के लिए कह रही है। तुम एक तरह का विरोधाभास महसूस कर रही हो क्योंकि तुम नियमों का पालन तो करना चाहोगी, लेकिन साथ ही तुम प्रयोग भी करना चाहती हो और स्थिति का जायज़ा लेते हुए अपनी क्षमताओं की सीमाओं को धकेलना भी चाहती हो। और तुम ऐसा करोगी भी, इसलिए निराश मत होना। इस लेन-देन में तुम्हें कठिन निर्णय भी लेने होंगे जो कुछ विकल्पों को तुम्हारी लिस्ट से हटा देंगे, लेकिन ठीक है, ऐसा होने देना।

तुम्हारा कैथोलिक विश्वास तुम्हारे मूल्यों को परिभाषित करता है, और उस ढांचे को भी, जिसमें तुम अपना जीवन जीती हो। यह आरामदायक भी हो सकता है और प्रतिबंधित करने वाला भी। तुम हमेशा ‘पाप’ नहीं करने के लेंस से अपने कार्यों को देखोगी। बेशक, दस धर्मादेश या टेन कमांडमेंट्स इस बात के लिए मानदंड होंगे कि क्या पाप है और क्या नहीं और मैं तुमको आश्वस्त कर सकती हूँ कि अपने जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर तुम इनमें से कई कमांडमेंट्स को तोड़ोगी। तुम सात घातक पापों (सेवेन डेडली सिंस) में से कुछ पाप करोगी, जैसा कि अधिकांश लोग करते हैं, लेकिन तुम उन सीमाओं को निर्धारित करना भी सीखोगी जो तुम्हारी मूल्य प्रणाली को संरक्षित करती हैं।

आने वाले वर्षों में, तुम अपने शरीर पर अपनी एजेंसी और ‘स्वतंत्र इच्छा’ पर सवाल करोगी। तुम सेक्स, यौनिकता और अधिकारों पर धर्म द्वारा दिए गए विचारों पर सवाल उठाओगी। तुम्हारे कई दोस्तों की पहचान जेंडर स्पेक्ट्रम पर अलग-अलग होगी और तुम उनके इस निर्णय का समर्थन करोगी। तुम चयन के अधिकार की समर्थक होगी और किसी महिला के स्वयं के लिए, अपने शरीर, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए क्या सही है, यह तय करने के अधिकार का समर्थन करोगी। साथ ही तुम बच्चों, महिलाओं और कमजोर या पीछे छोड़ दिए गए समूहों के अधिकारों का समर्थन करोगी। कभी-कभी चीजें धुंधली और असंगत प्रतीत हो सकती हैं और उन्हें बहस, चर्चा और आत्म-प्रतिबिंब की आवश्यकता हो सकती है। तुम यह सब करोगी – हो सकता है इस प्रक्रिया में तुम अपने जीवन से जुड़े कुछ लोगों को पीछे छोड़ दो, लेकिन तुम संभाल लोगी।

तुम अभी जिस व्यक्ति से प्यार करती हो उनके साथ रहने के लिए तुम अपने माता-पिता के साथ बहस करोगी, हो सकता है बाद में इस व्यक्ति के बारे में तुम अपना मन बदल लो और तुम कई अलग-अलग लोगों के साथ प्यार में पड़ो। इनमें से कुछ लोग थोड़े समय के लिए और कुछ वर्षों के लिए तुम्हारे जीवन का हिस्सा बने रह सकते हैं। तुम्हारे संबंध ऐसे हो सकते हैं जो अपरंपरागत हों, जो बताए गए प्रत्येक नियम को तोड़ रहे हों, जो दूसरों की समझ से बाहर हों, क्योंकि तुम्हारे रिश्ते ‘सामान्यता’ के विचारों के साथ फिट नहीं होंगे, लेकिन यह तुम्हारे लिए सही होंगे, और सब ठीक होगा।

तुम शादी से पहले सेक्स के साथ प्रयोग करने के बारे में विचार करोगी। तुमको बता दूं कि 46 साल की उम्र तक तो तुम्हारी शादी नहीं हुई होगी, इसलिए आगे बढ़ो, प्रयोग करो और इसका आनंद लो। उस अपराध-भाव के साथ न रहना जो दूसरे तुम पर थोपते हैं। इसके बजाय, अपने शरीर से प्यार करना सीखना और पता करने की कोशिश करना कि तुम्हें क्या पसंद है, तुम्हें किससे आनंद मिलता है। मैं तुम्हें आश्वस्त कर सकती हूं कि 16 साल की उम्र में तुम्हारा शरीर सुन्दर है, भले ही तुम ऐसा नहीं सोचती हो। विडंबना यह है कि तुम केवल 40 साल की उम्र तक पहुँचने पर ही अपने शरीर से प्यार करना सीखोगी और उसकी सराहना करोगी, पर तब तुम्हारा यह शरीर तुम्हारे 16 साल के उस शरीर जैसा नहीं होगा।

शादी के लिए, तुम्हारे विचार कि यह क्या है या कैसे दिखता है या होना चाहिए, आने वाले वर्षों में विकसित होंगे और तुम तब केवल इस कारण से शादी करने के लिए दबाव महसूस नहीं करोगी क्योंकि यह तुमसे अपेक्षित है। वास्तव में तुम एक रिश्ते में होने के विचार का स्वागत करोगी जिसको औपचारिक रूप से समाज और धर्म द्वारा समर्थन मिलना होना ज़रूरी नहीं होगा।

तुम आध्यात्मिकता के पथ को चुनोगी, जो धर्म और मानव निर्मित मान्यताओं से परे है। इसका प्रतिफल बहुत अच्छा होगा।

इसलिए, तुम्हारे आज के स्वः या अवतार के रूप में, मैं तुम्हें अपनी क्षमताओं में विश्वास रखने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ, अपने सपनों पर केंद्रित रहना, एक स्वाभाविक मूल्य प्रणाली विकसित करना जो हठधर्मिता से मुक्त हो, हमेशा जिज्ञासु बनी रहना और निरंतर सीखने की अपनी इच्छा का पोषण करना, और अपना जीवन स्वतंत्र रूप से और पूरी तरह से जीना। आप इस पृथ्वी पर केवल एक बार ही जन्म लेते हैं। अपने जीवन को पूर्णता से जीना – आनंद, उल्लास और आत्मविश्वास के साथ। 

सप्रेम,

एल्सा

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