rangeela
वो ‘फिल्मी’ शरीर – सार्वजनिक स्थानों में नृत्य और आनंद को समझना
इस तरह से नाचना न केवल सार्वजनिक स्थानों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करने का तरीका हो सकता है बल्कि यह अपने निजी शरीर में आनंद पाने का उपाए भी है – एक ऐसा आनंद जिसे आजतक केवल काम करते रहने में ही आनंदित होने तक सिमित कर दिया गया था।
By Meghna Bohidar
December 3, 2018